1.  थोक मेता (समूह वाचक संज्ञा) :- मिद् जति जिउ च जिनिसको रअ: गोट गे थोक मेता कजिओ: तना।

      (एक ही जाति के व्‍यक्तियों और वस्‍तुओं के समूह को समूह वाचक संज्ञा कहते है।)

चिल्का (जैसे) :-

१.    पीटि ते होड़ोको रूड़ातना को।

              (बाजार से लोग लौट रहे है।)

२.   सभा रे होड़ोको दुबाकना ।

(सभा में लोग बैठे हैं।)

 चेतन रेअ: बकंड़ा रे “पीटि” ओड़ो: तयोम रेअ: बकंड़ा रे “सभा” टुङकिन ते होड़ोकोअ: थोक रेअ: मुंड‍ि नमों: तना, एनाते “पीटि” ओड़ो “सभा” टुङ थोक मेताकिन तनअ:।

(ऊपर के वाक्‍यों में “पीटि” (बाजार) और “सभा” (सभा) शब्‍दों के द्वरा आदमियों के समूह का बोध हो रहा है, इसलिए “पीटि” और “सभा” दोनों ही समूह वाचक संज्ञा शब्‍द हैं।)

एटअ: जोनोकाको :-

                बुरू    =   मेला

               जुलुस   =  जुलुस

               पलटत  =  सैनिक

               मिंडि गोट = भेंड़ो का झुंड