गमनङ
( विशेषण विशेषण)
मेता च नङमेता रेअ: मइन उदुब् तन टुङको गे
गमनङ कजिओ: तना ।
( संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता वताने वाले
शब्दों को ही विशेषण कहते हैं । )
चिल्का ( जैसे ) :-
अराअ: बबा
( लाल धान )
नवा ओड़ाआ: ।ओड़ाअ:
( नया घर )
पुंडि सिम ।
( सफेद मुर्गी । )
मरङ होड़ो ।
( बड़ा आदमी )
ससङ बा
( पीले फूल )
चेतन रेअ: बकंड़ा रे अरअ:,
नवा, पुंडि, मरङ,
ओड़ो: ससङ टुङ गमनङ तनअ: । ने टुङको ते बबा, ओड़अ:,
सिम, होड़ो बा रअ: मइन उदुबो: तना।
( ऊपर के वाक्यों में लाल,
सफेद, बड़ा और पीला शब्द विशेषण हैं । इन्हीं
शब्दों से धान , घर, मुर्गी, आदमी, और फूल की विशेषता का पता मिलता है । )
गमनङ रेअ: हनटिङ
(विशेषण के भेद )
गमनङ अपि तअ: रे हटिङाकना ।
१. गुन
उदुब गमनङ (गुण वाचक विशेषण )
२. लेनेका
उदूब गमनङ (संख्या वाचक विशेषण )
३. नापि
उदुब गमनङ ( परिमाण वाचक विशेषण )
1 . गुन उदुब् गमनङ ( गुण वाचक विशेषण )
:- मेता च नङमेता रअ: गुन उदुब् तन
टुङको गे गुन उदुब् गमनङ कजिओ: तना ।
( संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले
शब्द को ही गुणवाचक विशेषण कहते हैं )
चिल्का ( जैसे ) :-
उरगुम लिजअ: ।
( गर्म कपड़ा )
एसेल होड़ो ।
( गोरा आदमी )
नवा कोनेया ।
( नयी दुल्हिन )
पंडु सकम ।
( पीले पत्ते )
बुगिन होङो ।
( भला आदमी )
हंबल दिरि ।
( भारी पत्थर )
हरयिर तसद् ।
( हरी घास )
चेतन रेअ: टुङको एसेल,
नवा, पंडु, बुगिन,
हंबल, ओड़ो: अरियर गमनङ तनअ:। ने टुङको तेगे,
होड़ो, कोनेया, सकम,
दिरि, ओड़ो: तसद् रअ: मइन उदुबाकना।
( ऊपर के शब्द एसेल,
नवा, पंडु, बुगिन,
हंबल और हरियर विशेषण हैं, इन्हीं शब्दों से
होड़ो, कोनेया, सकम, दिरि और तसद् की विशेषता बतलाई गई है। )
2 . लेनेका उदुब् गमनङ (संख्या वाचक विशेषण
) :- मेता च नङमेता रअ: लेनेका उदुब् तन टुङको गे
लेनेका उदुब् गमनङ कजिओ तना ।
( संज्ञा या सर्वनाम की संख्या बताने वाले शब्दों
को ही संख्या वाचक विशेषण कहते हैं ।)
लेनेका उदुब् गमनङ ओड़ो: बरतअ: रे हटिङकना :-
१. मुंडिअन
लेनेका उदुब् गमनङ (निश्चित संख्या वाचक विशेषण )
२. का
मुंडिअन लेनेका उदुब् गमनङ ( अनिश्चित संख्या वाचक विशेषण )
1 . मुंडिअन लेनेका उदुब् गमनङ (निश्चित
संख्या वाचक विशेषण ) :- मेता च नङमेता रेअ: सुपट
लेनेका उदुब्तन टुङको गे मुंडिअन लेनेका उदुब् गमनङ कजिओ: तना ।
( संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का
बोध कराने वाले शब्दों को निश्चित संख्या वाचक विशेषण कहते हैं । )
चिल्का ( जैसे ) :-
मियद्, बरिया, अपिया,
उपुनिया..........।
मिद्, बर, अपि, उपुन..........।
मिमियद्, बबारिया, अपापिया,
उपुपुनिया....।
मियद् गलेद्, बरिया गलेद्, अपिया गलेद्, उपुनिया गलेद,.....।
१. बरिया
लद् ओमइपे ।
( उसे दो रोटियाँ दे दो ।)
२. उपुन
होड़ो को कमितना ।
( चार आदमी काम कर रहे हैं
।)
३. मोमोड़ेया
लद् ओमाकोपे।
( उन्हें पाँच -पाँच
रोटियाँ दे दो ।)
४. बरसा
गलेद् को होसोड़ो कि:इञा ।
(उन्होंने मुझे दो-दो बार
धोखा दिया ।)
2 . का मुंडिअन लेनेका उदुब् गमनङ (अनिश्चित
संख्या वाचक विशेषण) :- मेता च नङमेता रअ: लेनेका
ओको टुंङको ते सुपट का मुंडिओ तना, एना गे
का मुंडिअन लेनेका उदुब् गमनङ कजिओ: तना।
( संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का
बोध जिन शब्दों से नहीं होता है, उसे अनिश्चित संख्या
वाचक विशेषण कहते हैं ।)
चिल्का ( जैसे) :-
गोटा ओड़अ: ।
( पूरा परिवार )
तारा टका।
( कुछ रूपया )
पुरअ: जोजो ।
( बहुत खट्टा )
संगि होड़ोको ।
( बहुत आदमी )
सोबेन होनको ।
( सब बच्चे )
हुड़िङ मंडि ।
( थोड़ा खाना )
नेतअ: रे गोटा,
तारा, पुरअ:, संगि,
सोबेन ओड़ो: हुड़िङ टुङको ते सुपट लेनेका रअ: मुडि का नमो: तना।
एनाते नेअको जोतो का मुंडिअन लेनेका उदुब् गमनङ तनअ: ।
( यहाँ पर गोटा,
तारा, पुरअ:, संगि,
सोबेन और हुड़िङ शब्दों से निश्चित संख्या का बोध नहीं होता है ।
इसलिए ये सभी शब्द अनिश्चित संख्या वाचक विशेषण हैं । )
3 . नापि उदुब् गमनङ (परिमाण वाचक विशेषण
) :- ओको टुङको ते तुलाओ: मुकाओ: ओड़ो: जोकाओ: जिनिसको रअ: मुंडि नमो: तना,
एनाको गे नापि उदुब् गमनङ कजिओ: तना।
( जिस शब्दों से नामी या तौली जाने वाली
वस्तुओं का बोध होता है, उसे परिमाण वाचक विशेषण
कहते हैं । )
चिल्का ( जैसे ) :-
अपि कांचि बाबा ।
( तीन टोकरी धान । )
ए सेर ऐड़ेंको ।
( सात सेर लाह ।)
गेल पुइला चइलि ।
( दस पइला चावल ।)
बल्टि पेरे: तोवा ।
( बल्टि भर दूध ।)
बर मुका किचिरि ।
( दो हाथ कपड़ा ।)
मिद् बोतोलो सुनुम ।
( एक बोलत तेल ।)
नेतअ: रे बाबा,
एड़े, चउलि,तोवा, किचिरि ओड़ो: सुनुम सोबेन तुलाओ:, मुकाओ: ओड़ो:
जोकाओ: जिनिस को गे तनअ:। एना मेन्ते ने सोबेन जिनिस नापि उदुब् गमनङ को तनअ: ।
( यहाँ पर बाबा,
ऐड़ें, चउलि, तोवा,
किचिरि और सुनुम, सभी नापी या तौली जाने वाली
वस्तुएँ हैं । इसलिए ये सभी वस्तुएँ परिमाण वाचक विशेषण हैं ।)
गमनङ ते बोरोन मेता रेअ: बनइ
मुंडि
( विशेषण से भाव वाचक संज्ञा बनाने की विधि )
१ . गमनङ टुङ
रअ: एनेटे: रे मुनु बनि च बनितोङ चिना आ (ा), इ (ि ) उ (ु),
(ू) ए (े) ओड़ो: ओ (ो), तइनो: रे बोजा बनि “न”
रेओ एन मुनु बनि रअ: बनितोङ चिना गे जोटो: जमाओ:अ।
( विशेषण शब्द के आरम्भ में स्वर वर्ण या
चिन्ह आ (ा), इ (ि ), उ (ु) ऊ
(ू) , ए(े), और ओ (ो) रहने पर व्यंजन वर्ण “न” में भी उसी स्वर
वर्ण की मात्रा चिन्ह का प्रयोग होता है ।)
चिल्का ( जैसे ) :-
गमनङ बोरोन मेता
(विशेषण ) ( भाव वाचक संज्ञा
)
इकिर (गहरा) इनिकिर (गहराई)
एसेल (गोरा) एनेसेल (गोरापन)
ओसर (चौड़ा) ओनोसर (चौड़ाई)
केटे: (कठोर) केनेटे: (कठोरता)
गोजा ( नुकीला) गोनोजा (नोक)
जिलिङ (लम्बा) जिनिलिङ (लम्बाई)
सुगड़ा (सुन्दर) सुनुगड़ (सुन्दरता)
२ . गमनङ टुङ
रअ: एनेटे: बनि रे बनितोङ चिना का तइनो: इमतङ बोजा बनि “ न “ रेओ जेतन बनितोङ चिना
का जोटोगो: अ ।
(
विशेषण शब्द के आरम्भिक वर्ण में मात्रिक चिन्ह नहीं रहने पर व्यंजन वर्ण “न”
में भी कोई मात्रा चिन्ह नहीं लगता है।)
चिल्का (जैसे) :-
गमनङ बोरोन मेता
(विशेषण) (भाव वाचक
संज्ञा)
सरति ( सच्चा ) सनरति (सच्चाई)
सलंगि (ऊँचा) सनलंगि (ऊँचाई )
गमनङ
रेअ: दसाको
(विशेषण की अवस्थाएँ )
होड़ो जगर रे गमनङ रेअ: अपिआ दसा मेनअ:।
एनाको मुनु दसा, तला दसा ओड़ो: निमन दसा कजिओ: तना। गमनङ
रेअ: ने दमाको नेका उदुब् दड़िओ:अ।
मुनु दसा तला दसा निमन दसा
(मूलावस्था) (मध्यावस्था) (उत्तमावस्था)
बुगिन
बुगिन गरङ/नो: बुगिन उतर
मरङ
मरङ गरङ/नो: मरङ उतर
हुड़िङ
हुड़िङ गरङ/नो: हुड़िङ उतर
हेड़ेम
हेड़ेम गरङ/नो: हेड़ेम उतर
सलंगि
सलंगि गरङ/नो: सलंगि उतर
गमनङ दसा रेअ: बनइ मुंडि
मुनु दसा रे गनतिन गरङ/नो: जोटो: केआते तला
दसा बइओ: तना ओड़ो: तला दसा रेअ: गनतिन “गरङ/नो:” ओचो: परका के ते एन टयद् रे गनतिन
“उतर“ जोटो: केआते निमन दसा बइओ: तना । नेअ लतर रेअ: जोनोका ते लेल दड़िओ:अ ।
बकंड़ा रे ने दसाको रेअ: उनुदुब्
मुनु दसा – सोमा मियद् बुगिन होन तनि:।
(मूलावस्था) – (सोमा एक अच्छा लड़का है ।)
तला – सोमा सुखराम आते बुगिन गरङ होन तनि:।
(मध्यावस्था) – (सोमा सुखराम से अच्छा
लड़का है।)
निमन दसा – सोमा सोबेन कोआते बुगिन उतर होन
तनि:।
(उत्तमावस्था) – सोमा सबसे अच्छा लड़का
है।)
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