1.  बिति मेता (द्रव्‍य वाचक संज्ञा) :-

सोंओ:, मुकाओ: च तुलाओ: तन जिनिसको गे बिति मेता कजिओ: तना।

(नापी या तौली जानेवाली  वस्‍तुओं को द्रव्‍यवाचन संज्ञा कहते हैं)

चिल्‍का (जैसे) :-

१.   गेल टका रअ: मिद् पुइला चउलि नमो: तना।

(दस रूपये का एक मइला चावल मिलता है।)

२.   निमिर आधा लिटर तोवा का नमो:तना।

(आजकल आधा लिटर दूध नहीं मिलता है।)

३.   मनि सुनुम गेल टका रे नमो:तना।

(सरसों तेल दस रूपये में मिलता है।)

चेतन रेअ: बकंड़ा रे “चउनलि”, “तोवा”, “मनि सुनुम”, नेया सेबेना: जिनिस तनअ:। नेअ सोंओ: ओड़ो: तुलाओ: तना। एनाते नेया सोबेना: बित‍ि मेता कजिओ: तना।

(ऊपर के वाक्‍य में “चावल”, “दुध”, “सरसों तेल” ये सब पदार्थ है, जो नापा और तौला भी जाता है। इसलिए यह द्रव्‍यवाचक  संज्ञा है।)