मूद् बकंड़ा रोकोम ( कर्तृ वाच्य )
ओको बकंड़ा रे उदम नि सुबाओ: तना, एना गे मूद् बकंड़ा रोकोम कजिओ: तना ।
( जिस वाक्य में कर्त्ता की प्रधानता रहती है, उसे कर्तृ वाच्य कहते हैं ।)
चिल्का (जैसे) :-
१ . अइञ सेनो: तना ।
( मैं जा रहा हूँ )
चेतन रेअ: बकंड़ा रे “अइञ” उदमनि: ओड़ो: “सेनो:” उदम तनअ:। नेतअ: रे उदम, उदमनि: रेगे: टेंडेराकना।
( ऊपर के वाक्य में “अइञ” कर्त्ता और “सेनो:” क्रिया है। यहाँ पर क्रिया, कर्त्ता पर ही आधारित है ।)
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