बकंड़ा रोकोम
( वाच्य)
उदम रेअ: ओको मुटन ते बकंड़ा रे होबाओ: तन कमि रेअ: मुंडि नमो: तना, एना गू बकंड़ा रोकोम कजिओ: तना।
( क्रिया के जिस रूप से वाक्य में कार्य सम्पादन की म्रकृति का बोध होता है, उसे वाच्य कहते हैं।)
बकंड़ा रोकोम
( वाच्य)
उदम रेअ: ओको मुटन ते बकंड़ा रे होबाओ: तन कमि रेअ: मुंडि नमो: तना, एना गू बकंड़ा रोकोम कजिओ: तना।
( क्रिया के जिस रूप से वाक्य में कार्य सम्पादन की म्रकृति का बोध होता है, उसे वाच्य कहते हैं।)
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