बकंड़ा रोकोम

 ( वाच्‍य)

उदम रेअ: ओको मुटन ते बकंड़ा रे होबाओ: तन कमि रेअ: मुंडि नमो: तना, एना गू बकंड़ा रोकोम कजिओ: तना।

( क्रिया के जिस रूप से वाक्‍य में कार्य सम्‍पादन की म्रकृति का बोध होता है, उसे वाच्‍य कहते हैं।)

बकंड़ा रोकोम अपितअ: रे हटिङाकना :-

1 . मूद् बकंड़ा रोकोम ( कर्तृ वाच्‍य )

2 . रिनिका बकंड़ा रोकोम ( कर्म वाच्‍य )

3 . बोरोन बकंड़ा रोकोम (भाव वाच्‍य )

 

मूद् बकंड़ा रोकोम ( कर्तृ वाच्‍य )

ओको बकंड़ा रे उदम नि सुबाओ: तना, एना गे मूद् बकंड़ा रोकोम कजिओ: तना ।

( जिस वाक्‍य में कर्त्‍ता की प्रधानता रहती है, उसे कर्तृ वाच्‍य कहते हैं ।)

चिल्‍का (जैसे) :-

१ . अइञ सेनो: तना ।

    ( मैं जा रहा हूँ )

चेतन रेअ: बकंड़ा रे “अइञ” उदमनि: ओड़ो: “सेनो:” उदम तनअ:। नेतअ: रे उदम, उदमनि: रेगे: टेंडेराकना।

( ऊपर के वाक्‍य में “अइञ” कर्त्‍ता और “सेनो:” क्रिया है। यहाँ पर क्रिया, कर्त्‍ता पर ही आधारित है ।)

 

2 . रिनिका बकंड़ा रोकोम ( कर्म वाच्‍य )

ओको बकंड़ा रे उदम रिनिका रे सुबाओ: तना, एना गे रिनिका बकंड़ा राकोम कजिओ: तना।

( जिस वाक्‍य में क्रिया कर्म पर आधारित हिता है, उसे कर्म वाच्‍य कहते है।)

चिल्‍का ( जैसे ) :-

१ . बबा हेरो: तना ।

 ( धान बोया जाता है ।)

चेतन रेअ: बकंड़ा रे “बबा” रिनिका ओड़ो: “हेर” उदम तनअ:। नेतअ: रे उदम रिनिका रे सुबाओ: तना ।

( ऊपर के वाक्‍य में “बबा” कर्म और “हेर” क्रिया है, यहाँ क्रिया  कर्म पर आधारि‍त है।)

 

3 . बोरोन बकंड़ा रोकोम ( भाव वाच्‍य )

ओाको बकंड़ा रे उदम बोरोन रे सुबाओ: तना, एना बोरोन बकंड़ा राकोम कजिओ:  तना।

( जिस वाक्‍य में भाव की प्रधानता रहती है, उसे भाव वाच्‍य कहते है ।)

चिल्‍का ( जैसे) :-

जेटे रे का सेनो:अ।

(धूप में चला नहीं जाता है।)

चेतन रेअ: बकंड़ा रे उदम न दो उदमनि: रे न दो रि‍निका रे मेन्दो नेअ बोरोन रे सुबाकना ।

( ऊपर के वाक्‍य में क्रिया न तो कर्त्‍ता पर न कर्म पर आधारित है, वरन क्रिया भाव पर आधारित है ।)