गनतिन
( प्रत्यय )
टुङ सिदा रे, तला
रे ओड़ो: टुंडु रे गति जमाओ: तन बनि च बनि रअ: गोट गे गनतिन कजिओ: तना।
( शब्दारम्भ में शब्द मध्य में और शब्दांश
में जोड़े जाने वाले अक्षर या अक्षर समूह को प्रत्यय कहते हैं। )
गनतिन अपितअ: रे हटिङाकना
( प्रत्यय तीन भागों में बांटा गया है )
1 . सिदा गनतिन ( पर्व प्रत्यय )
2 . तला गनतिन ( मध्य प्रत्यय )
3 . तयोम गनतिन ( अंत्य प्रत्यय )
1 . सिदा गनतिन ( पूर्व प्रत्यय ) :- जेता
टुङ रअ: सिदा रे गति जमाओ: तन बनि च बनि रअ: गोट गे सिदा गनतिन कजिओ: तना। सिदा गनतिन जउगे टुङ
सिदा रेगे जोटोगो:अ । नेअ हिन्दी ते पूर्व प्रत्यय ओड़ो: अंग्रजी ते PRE-FIX कजिओ:
तना।
( किसी शब्द के
पहले जोड़ो जाने वाले अक्षर या अक्षर समूह को ही पूर्व प्रत्यय कहा जाता है। पूर्व
प्रत्यय शब्दारम्भ में ही जोड़े जाते हैं। हिन्दी में इसे पूर्व प्रत्यय और
अंग्रजी में PRI- FIX कहा जाता है।)
होड़ो जगर टुङको
सिदा रे जोटो: जमाओ: तन तारा सिदा गनतिन को :-
( मुण्डारी शब्दों
के पहले जोड़े जाने वाले कतिपय पूर्व प्रत्यय) :-
१ . उदम रे सिदा
गनतिन “अ” रेअ: जोनोटो: -
पूर्व प्रत्यय क्रिया प्रेरणार्थक क्रिया
अ + जल (चाटना) =
अजल (चटाना)
अ + जोम (खाना) =
अजोम (खिलाना)
अ + नु
(पीना) = अनु (पिलाना)
पहमे कजि :- होड़ो जगर रेअ: सोबेन उदम टुङको सिदा रे सिदा गनतिन “अ”
रेअ: जोनोटो: का नमो: तना।
( मुण्डारी में
सभी क्रिया शब्दों के पहले पूर्व प्रत्यय “अ” का प्रयोग नहीं मिलता है)
२ . उदम टुङ रेअ:
सिदा बनि रअ: दुनुवड़ा।
(क्रिया शब्द के
प्रथम अक्षर की द्विरावृति )
पूर्व प्रत्यय क्रिया अकर्मक क्रिया
कु + कुल (भेजना) = कुकुल (भेजने की क्रिया करना)
गे +
गेले: (खोदना) =गेगेले (खोदने की
क्रिया करना)
च +
चला (छानना) = चचला (छानने की
क्रिया करना)
ज +
जल (चाटना) = जजल (चाटने की
क्रिया करना)
ते +
तेला (झोंकना) = तेतेला (झोंकना की क्रिया करना)
थे + थेर (फेंकना) = थेथेर (फेंकना की क्रिया करना)
द +
दल (पीटना) = ददल (पीटने की
क्रिया करना)
ले +
लेल (देखना) = लेलेल (देखने की
क्रिया करना)
ब +
बइ (बनाना) = बबइ (बनाने की
क्रिया करना)
म +
मअ: (काटना) = ममअ: (काटने की
क्रिया करना)
र + रअ: (बुलाना) = ररअ: (बुलाने की क्रिया करना)
ल +
लअ: (छीलना) = ललअ: (छीलने की
क्रिया करना)
स +
सब् (पकड़ना) = ससब् (पकड़ने की
क्रिया करना)
ह +
हर (भगना) = हहर (भगाने की
क्रिया करना)
३ . तारा लेनेका
उदुब् टुङको रेअ: सिदा बनि रअ: दुनुबड़ा।
( कतिपय संख्या
वाची शब्दों के प्रथम अक्षर की द्विरावृति )
पूर्व प्रत्यय संख्या वाची शब्द विषम बोध संख्या वाची शब्द
मि +
मिद्/मियद् (एक) = मिमिद्/मिमियद् (एक-एक)
ब +
बर/बरिया (दो) = बबर/बबरिया (दो-दो)
मो + मोढे/मोढेया (पाँच) = मोमोढे/मोमोढेया (पाँच-पाँच)
तु +
तुरि/तुरिया (छ: ) =
तुतुरि/तुतुरिया (छ: -छ: )
गे + गेल/गेलेया (दस) = गेगेल/गेगेलेया (दस- दस)
४ . सिदा गनतिन
रेअ: एटअ: जोनोका को
( पूर्व पंत्यय के अन्य उदाहरण )
पूर्व प्रत्यय मूल शब्द यौगिक शब्द
अल +
गरजू = अलगरजू (लपरवाह)
अन +
ठेकान = अनठेकान (बहुत
अधिक)
बे + कसूर = बेकसूर (निरापराध)
2 . तला गनतिन (
मध्य प्रत्यय ) :- टुङ
तला रे जोटो: जमाओ: तन बनि च बनि रअ: गोट गे तला गनतिन कजिओ: तना। तला गनतिन सोबेन
इमतङ टुङ तला रेगे जोटोगो:अ । होड़ो जगर
रेअ: तला गनतिन हिन्दी रे “मध्य प्रत्यय” ओड़ो: अंग्रेजी रे IN- FIX कजिओ:
तना।
होड़ो जगर रे उदम ते
मेता रेअ: बनइ मुंडि रे तला गनतिन “न” ओड़ो: उदम ते उपुदम रेअ: बनइ मुंडि रे तला
गनतिन “प” उदम रेअ: सिदा बनि तयोमते
जोटोगो: तना। उदम रेअ: सिदा बनि मुनु बनि च बनितोङ चिन ओमाकन बोजा बनि
नइनों: रे तला गनतिन “न”ओड़ो: “प” रेओ एन बनितोङ चिना गे ओमोगा। मेन्दो बनितोङ चिन
का ओमाकन बोजा बनि तइन रे तला गनतिन “न” ओड़ो: “प” रेओ जेता बनितोङ चिना का
जोटोगो:अ।
( शब्द मध्य में
जोड़ो जाने वाले वर्ण या वर्ण समूह को ही मुण्डारी में “तला गनतिन” कहा जाता है।
तला गनतिन शग्द मध्य में ही जोड़ा जाता
है। हिन्दी में इसे “मध्य प्रत्यय” और अंग्रेजी में IN- FIX कहा
जाता है।
मुण्डारी में
क्रिया से संज्ञा बनाने की विधि में मध्य प्रत्यय “न” और क्रिया से पारस्परिक
क्रिया बनाने की विधि में मध्य प्रत्यय “प” को क्रिया के प्रथमाक्षर के बाद जोड़ा
जाता है। क्रिया का प्रथमाक्षर स्वर वर्ण या मात्रा चिह्नों से युक्त व्यंजन
वर्ण रहने पर क्रमश: मध्य प्रत्यय “न” और “प” में भी मात्रा चिह्न लगता है।
लेकिन मात्रा विहिन व्यंजन वर्ण रहने पर मध्य प्रत्यय “न” और “प” में भी कोई
मात्रा चिह्न नहीं लगता है।
3 . तयोम गनतिन (
अंत्य प्रत्यय ) :- टुङ
रे जोटो: जमाओ: तन बनि च बनि रअ: गोट गे तयोम गनतिन कजिओ: तना। तयोम गनतिन जउगे
टुंङ टुंङ जोटोगो:अ। होड़ो जगर रेअ: “तयोम गनतिन” हिन्दी रे “अंत्य प्रत्यय”
ओड़ो: अंग्रेजी रे “SUFFIX” कजिओ: तना।
( शब्दांश में
जोड़े जाने वाले अक्षर या अक्षर समूह को
मुण्डारी में “तयोम गनतिन” कहते हैं। अक्सर “तयोम गनतिन” किसी शब्द के अन्त
में ही जोड़ा जाता है। मुण्डारी का “तयोम गनतिन” हिन्दी में “अंत्य प्रत्यय” और
अंग्रजी में “SUFFIX” कहा जाता है )
होड़ो जगर रे “तयोम
गनतिन” ओड़ो: मोढेतअ: रे हटिङ रूड़ाकना :-
१ . मेता गनतिन (संज्ञा प्रत्यय)
२ . नङमेता गनतिन (सर्वनाम प्रत्यय)
३ . उदम गनतिन (कृत प्रत्यय)
४ . बेड़ा गनतिन (काल प्रत्यय)
५ . गनलङ गनतिन (कारक प्रत्यय)
१ . मेता गनतिन (
संज्ञा प्रत्यय ) :- मेता
टुङको रअ: तयोम रे जोटो: जमाओ: तन बनि च बनि को रअ: गोट गे मेता गनतिन कजिओ: तना।
( संज्ञा शब्दों
के बाद में जोड़े जाने वाले अक्षर या अक्षर समूह को संज्ञा प्रत्यय कहते हैं)
मेता तयोम गनतिन गमनङ
(संज्ञा) (अंत्य प्रत्यय) (विशेषण)
अन/गन/जन पेड़े (बल) + अन/गन/जन +
पेड़ेअन/पेड़ेगन/पेड़ेजन(बलवान/बली)
अन
बोरो(डर) + अन + बोरोअन (डरावना)
मइन(आदर) + अन
+
मइनअन (आदरणीय)
रानु(औषध) + अन + रानुअन (औषधीय)
लुतुम(नाम)
+ अन + लुतुमअन (नामी)
सुनम(तेल)
+ अन + सुनमअन (तेलीय)
अ
कमि(कर्म) + अ + कमिअ
(कर्मठ)
बोरो(डर) + अ + बोरोअ (डरावना)
एन
अङ(सुबह) + एन + अङएन (सुबह तक)
अतोम (किनारे) + एन +
अतोमेन (किनारे हटना)
लुतुम(नाम) + एन + लुतुमेन (नाम लेना)
न
दसि(धांगर) + न + दसिन (धांगर
बनना)
बलु(मूर्ख) +
न + बलुन (मूर्ख बनना)
बुइदि(वैद्य) + न + बुइदिन (वैद्य
बनना)
२ . नङमेता गनतिन (सर्वनामिक
प्रत्यय) :- नङमेता टुङको रअ: नयोम
रे जोटो: जमाओ: तन बनि च बनि रअ: गोटको गे नङमेता गनतिन कजिओ: तना।
( सर्वनाम शब्दों के
बाद में जोड़े जाने वाले अक्षर या अक्षर समूह को ही सर्वनाम प्रत्यय कहते हैं)
१ . चुंडुल नङमेता (संकेत
वाचक सर्वनाम) :-
नड़े: चुंडुल संगिन चुंडुल
(निकटवर्ती संकेत) (दूरवर्ती
संकेत)
मु०टु० त०ग०
सेने० टुङ मु०टु० त०ग०
सेने० टुङ
का न
+ का = नका हन + का
= हनका
न
+ का = नेका हेन + का
= हेनका
कु
न + कु = नकु हन + कु
= हनकु
डे न
+ डे = नडे हन + डे
= हनडे
ने
+ डे = नेडे हेन + डे
= हेनडे
तअ: न
+ तअ: = नतअ: हन + तअ: =
हनतअ:
ने
+ तअ: = नेतअ: हेन + तअ:
= हेनतअ:
ते न
+ ते = नते हन + ते
= हनते
ने
+ ते = नेते हेन
+ ते = हेनते
रे न
+ रे = नरे हेन + रे = हेनरे
ने
+ रे =नेरे हेन +
रे = हेनरे
२ कुनुलि नङमेता ( प्रश्न
वाचक सर्वनाम) :-
मुनु टुङ तयोम गनतिन कुनुलि नङमेता
(मूल शब्द) (अंत्य प्रत्यय) (प्रश्नवाचक सर्वनाम)
ओको +
ए = ओकोए ( कौन )
ओको + को = ओकोको (किनको)
ओको/को + अ = ओकोअ/कोअ: ( कौन-सा)
ओको/को + तअ: = ओकोतअ:/कोतअ: (किस जगह)
ओको/को + सअ: = ओकोसअ:/कोसअ: (किस ओर)
ओको + एअ: = ओकोएअ: (ओकोएअ: )
ओको/को + ते = ओकोते/कोते (किधर)
ओको/को + नि: =
ओकोनि:/कोनि: (कौन सा)
ओको/को + मन = ओकोमन/कोमन (किस जगह)
ओको/को + रे = ओकोरे/कोरे (कहाँ)
ओकोन + कु/को =
ओकोनकु/ओकोको (किनको)
ओकोन/कोन + अ: = ओकोनअ:/कोनअ: (कौन सा)
ओकोन/कोन + डे = ओकोनडे/कोनडे
(कहाँ)
चा + ते = चाते (कैसे)
चि + अ: = चिअ: (क्यों)
चिका/चिल्का + ते = चिकाते/चिल्काते (कैसे)
चिका/चिल्का + न
= चिकान/चिल्कान (क्या/कैसे)
उदम गनतिन ( कृत प्रत्यय
) :- उदम रअ: तयोम रे जोटो: जमाओ: तन बनि च बनि रअ: गोट
गे उदम गनतिन कजिओ: तना।
( क्रिया पद के बाद
में जोड़े जाने वाल अक्षर या अक्षर समूह को कृत प्रत्यय कहते हैं )
उदम तयोम गनतिन समा रि० उदम
(क्रिया) (अंत्य प्रत्यय) (अकर्मक क्रिया)
एन असुल(पालना) + एन = असुलेन
(पलना)
तोल(बांधना) + एन = तोलेन (बंधना)
बइ (बनना) + एन = बइएन (बनना)
ओन चेतव(चेताना)
+ ओन = चेतवोन (चेतना)
बगड़व(बिगाड़ना)+
ओन = बगड़वोन (बिगड़ना)
बुजव(समझाना) + ओन = बुजवोन (समझना)
न इतु (सिखाना) + न = इतुन (सिखाना)
उकु (छिपाना) + न = उकुन (छिपाना)
बइ (बनाना) +
न = बइन (बनाना)
बड़ा दुब् + बड़ा = दुब्बड़ा (बैठ-चलना)
बेड़ा निर (भागना) + बेड़ा = निरबेड़ा (भाग-चलना)
बेड़ा गनतिन (काल प्रत्यय) :- बेड़ा
उदुब् नङ उदम लो:ते जोटो: जमाओ: तन बनि च बनि रअ: गोटको गे बेड़ा गनतिन कजिओ: तना।
( काल का बोध कराने के लिए क्रिया के साथ जोड़े
जोने वाले अक्षर या अक्षर समूह को काल प्रत्यय कहते हैं।)
बेड़ा
तयोम गनतिन
(काल) (अंत्य प्रत्यय)
1 . ने मन/सेसेन तन बेड़ा
१ . सोंगड़ा ने
मन बेड़ा - जअ:, अकअ:, जद।
(सामान्य वर्तमान काल)
२ . हलि ने मन बेड़ा - तना, ती/ते,
तना।
(तात्कालिक वर्तमान काल)
३ . होबाजन ने मन बेड़ा - अकन/अकना।
(पूर्ण वर्तमान काल )
2 . होलामन बेड़ा/सेनो: जन बेड़ा
१ . सोंगड़ा होलामन बेड़ा - केद्/केदा, जन/जना, ती/ते जना।
(सामान्य भूत काल )
२ . हलि होलामन बेड़ा - तन
तइकेना,
जद् तइकेना।
(तात्कालिक
भूत काल)
३ . होबाजन होलामन बेड़ा - अकद्/अकदा, अकन/अकना,
(आसन्न भूत काल ) अकअ:,
तद्/तदा, कि:अ।
४ . होबाकन होलामन बेड़ा - केन/केना, लेन/लेना,
(पूर्ण
भूत काल ) लअ:/लि:अ,
लेद्/लेदा।
५ . होबा अयर लेन होलामन बेड़ा – अकद् तइकेना।
3 . गपामन बेड़ा/हिजु: तन बेड़ा
१ . सोंगड़ा गपामन बेड़ा - अ,
गा।
(सामान्य भविष्यत् काल)
२ . होबा सोंजोको: गपामन बेड़ा - जाअ:।
(संभाव्य भविष्यत् काल)
५ .
गनलङ गनतिन ( कारक प्रत्यय ) :- गनलङ उदुब् नगेन बकंड़ा रे नमों: तन गनलड़ चिनाको गे “गनलङ गनतिन” कजिओ: तना।
( कारक बतलाने के लिए वाक्य में पाये जाने वाले
विभक्ति चिह्नों को कारक प्रत्यय कहते हैं)
चिल्का ( जैसे ) :-
ते (से) ती ते सबेमें ।
(हाथ से पकड़ो)
आते
(से) ने जिदन बरसिङ नगेन गेअ।
(यह जीवन दो दिनों के लिए है)
आते (से)
बुरू आते दअ: पुटि: तना।
(पहाड़ से पानी पजर रहा है)
अ: (का)
राजाअ: बंगला।
( राजा का बंगला)
रे (में) लता रे कुला तइनतना।
(माँद में शेर रहता है)
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