समा रिनिका उदम ( अकर्मक क्रिया ) :-

ओको उदम रेअ: असर कमिनि: (कर्त्ता ) रेगे टोगो: तनाएना समा रिनिका उदम कजिओ: तना।

( जिस क्रिया का फल कर्त्ता पर पड़ता है उसे कर्मक क्रिया कहते हैं । )

चिल्‍का ( जैसे ) :-

                     गिति: अकनाए ।

                   ( वह सोया हुआ है । )

                    गोतअ:न तनाञ् ।

                    ( मैं खुजला रहा हूँ ।)

चेतन रेअ: सिदा बकंड़ा रे “ गिति: ” ओड़ो: तयोम बकंड़ा रे “ गोतअ:न ” उदम तनअ:। बरन बकंड़ा रे उदम रेअ: असर सुपट गे कमिनि: रे टोगो: तना। एना मेन्ते नेअकिङसमा रिनिका उदम तनअ: ।

( ऊपर के प्रथम वाक्‍य में “गिति: ” और दूसरे वाक्‍य में “ गोतअ:न” क्रियाऍं हैं। दोनों वाक्‍य में क्रिया का असर स्‍पष्‍ट रूप से कर्त्ता पर ही पड़ रहा है । इसलिए ये दोनों अकर्मक क्रियॉं है। )